- आदित्य ठाकरे ने नितिन गडकरी को दी इसकी सूचना।
- इसे कहते हैं पेड़ को महत्त्व देना।
- पेड़ बचाने के लिए हाइवे के नक्शे में किया बदलाव।
- नितिन गड़करी हमेशा से अपने अनोखे और सटीक फैसला लेके के लिए जाने जाते है।
महाराष्ट्र के सांगली जिले के भोसे गांव का 400 साल पुराना बरगद का पेड़ आजकल सोशल मीडिया पर बहुत सुर्खियों में है. निर्माणाधीन हाइवे का सर्विस रोड उसके पास से गुजरता है. इसलिए यह पेड़ काटकर रोड बनाई जा रही थी. मगर पर्यावरणवादी कार्यकर्ताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया.
विरोध बढ़ता देख पेड़ के बारे में जब राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को अवगत कराया गया, तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात की और इस पेड़ को बचाने की मांग की. बोलता है बिहार के संवाददाता द्वारा पता चला कि आदित्य ठाकरे से बात करने के बाद नितिन गडकरी ने इस पेड़ को बचाने के लिए हाइवे के नक्शे में ही बदलाव करके ये प्रोजेक्ट पूरा करने का आदेश दिया है।
गडकरी ने पुराने पेड़ को बचाने की गुजारिश की
निर्माणाधीन रत्नागिरी- नागपुर हाइवे नंबर 166 सांगली जिले के भोसे गांव के पास से गुजर रहा है. सांगली के पर्यावरण वादी कार्यकर्ताओं ने पेड़ काटने का विरोध किया था. सोशल मीडिया, न्यूज मीडिया में यह विरोध इतना फैल गया कि राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने इसमें दखल दिया. उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात करके इस पुराने पेड़ को बचाने की गुजारिश की.
नितिन गडकरी ने अपने डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात करके इस हाइवे के आरेखन में तब्दीली करके बरगद के इस 400 साल पुराने पेड़ को बचाने को कहा है और आखिरकार यह पेड़ बच गया है.
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