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बीते कुछ समय से केंद्र के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कई नियमों को या तो संशोधित किया है या फिर बदलाव हुआ है।
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इसी कड़ी में सरकार ने एक और गाइडलाइन जारी की है. ये गाइडलाइन वाहनों में टायर के हवा से जुड़ी है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं..
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मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स नियमों में संशोधन किया गया है. इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है.
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इस सिस्टम में सेंसर के जरिए ड्राइवर को ये जानकारी मिल जाती है कि गाड़ी के टायर में हवा की स्थिति क्या है.
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हवा कम होने की स्थिति में गाड़ी के डैशबोर्ड पर ड्राइवर को अलर्ट मिल जाएगा. इसके माध्यम से सड़क सुरक्षा में बढ़ोतरी करता है.
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इसके साथ ही मंत्रालय ने टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है. इसमें टायर पंक्चर (ट्यूबलेस टायर) होने के समय रिपेयर किट के उपयोग से सीलेंट को टायर ट्रेड में पंक्चर हुए स्थान पर एयर सील के साथ डाला जाता है.
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टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और टायर रिपेयर किट उपलब्ध होने की स्थिति में वाहनों में अतिरिक्त टायर या स्टेपनी की जरूरत समाप्त हो जाएगी.
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