सुपौल,1 अक्टूबर। जदयू ने बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर घटक दलों के महागठबंधन छोड़ने पर कटाक्ष किया है। साथ ही कहा कि महागठबंधन में महा और बंधन के अलगाव के बाद केवल गांठें ही बची हैं।
युवा जदयू उपाध्यक्ष अंशु कुमार पौद्दार ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिवाय किसी भी लीडर या गठबंधन की कोइ जमीन नहीं है। राजद को जिस तरह से सभी घटक दलों ने छोड़ कर यह एहसास करा दिया है कि आसन्न हार का दबाव उन सभी के सर चढ़ कर बोल रहा है, और अब दूसरी तरफ तथाकथित तीसरे और चौथे मोर्चे की बात हो रही है । दरअसल अब जितने मोर्चे बनाएं, जितने गठबंधन बनाएं, जिसको नेता बनाएं, जिन घटकों को शामिल करें जनता को इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। वैसे भी महागठबंधन में महा और अलगाव के बाद केवल गांठें ही बची हैं।
श्री पौद्दार ने कहा कि जनता ने जमीनी तौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव में नेतृत्व तय कर लिया है। जिस तरह से पिछले 15 सालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का कायाकल्प किया, विकास की नई लकीरें खींची एवं नए आयाम गढ़े है, उससे यह पूरा चुनाव उन्हीं के ईद-गिर्द केंद्रित है। अन्य किसी राजनेता और गठबंधन की बिहार में न कोई जगह है और न ही उनके बारे में कहीं कोई बात हो रही है। बिहार में कोई उलटफेर संभव नहीं है। कोई नया गठबंधन बन जाए या उसे तीसरा या चौथा मोर्चा कहे जनता के बीच उनकी कोई स्वीकार्यता नहीं है।
जदयू उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले 3 दशक बैसाखी के सहारे बिहार में राजनीति की है। जिस तरह से राजद के पिछलग्गू के रूप में कांग्रेस रही है तो उसका अस्तित्व आज कहीं न कहीं खतरे में है। वह अपने भविष्य के फिर से सुधारने की कोशिश कर रही है। लेकिन यह निर्णय लेने में उन्हें विलम्ब हो गया है।
अंशु पौद्दार ने कहा कि जमीनी मुद्दों से कांग्रेस का कभी कोई सरोकार नहीं रहा है। जिन दलों से उनकी प्रस्तावित बातचीत हो रही है उनका बिहार की जनता के बीच कोई वजूद नहीं बचा है।
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