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जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने ललित नारायण मिश्र के पुण्यतिथि पर प्रतिमा पर माला अर्पण किया।

 सुपौल । जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने आज छातापुर के बलवा स्थित ललित नारायण मिश्र के पुण्यतिथि पर उनके प्रतिमा को माला अर्पण और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।

इस मौके पर व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अभय कुमार मिश्रा उर्फ बंटी मिश्रा ने कहा कि तीन जनवरी 1975 के उस मनहूस दिन पूरा देश हिल गया था। इसी दिन भारतीय राजनीति में एक कद्दावर नेता व तत्‍कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की मौत हुई थी। एक दिन पहले बिहार के समस्‍तीपुर स्‍टेशन पर उन्‍हें बम मारकर बुरी तरह घायल कर दिया था।

घटना के अगले दिन दानापुर रेलवे स्‍टेशन पर उनकी मौत हो गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस हत्याकांड को विदेशी साजिश का हिस्सा बताया था।

जदयू मीडिया सेल के जिलाध्यक्ष हरिमोहन बिश्वास ने उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कहा मिथिला चित्रकला को देश-विदेश में प्रचारित कर उसकी अलग पहचान बनाने मिथिलांचल के विकास पुरुष थे, रेल मंत्री के रूप में मिथिलांचल के पिछड़े क्षेत्रों में झंझारपुर-लौकहा रेललाइन, भपटियाही से फारबिसगंज रेललाइन जैसी 36 रेल योजनाओं के सर्वेक्षण की स्वीकृति उनकी कार्य क्षमता, दूरदर्शिता तथा विकासशीलता के ज्वलंत उदाहरण है।

उपाध्यक्ष अंशु पौद्दार ने कहा- साफ-सुथरी छवि के कद्दावर नेता थे ललित बाबू

ललित नारायण मिश्र साफ छवि वाले कद्दावर नेता थे। इस कारण वे कई लोगों की आंखों की किरकिरी बन गए थे। उनकी हत्‍या पर कोर्ट के फैसले के बावजूद इसमें बहुत कुछ ऐसा है, जिसपर आज तक धूल पड़ी हुई है। अंशु पौद्दार ने कहा - ललित बाबू के प्रयास का ही फल है कि कोशी के इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। उन्ही की परिकल्पना का परिणाम है कोसी महासेतु और एनएच 57 ओर सहरसा फारबिसगंज बड़ी रेल लाईन का निर्माण।

 साथ में युवा नेता बिमल झा एव उगन मंडल उपश्थित थे।

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